समाचार संवाद

जमीन एक, फसल अनेक: इस विधि से इंटर पास किसान एक एकड़ खेत से कमा रहे हैं लाखों

बेगूसराय: कृषि में युवाओं का बढ़ता रुझान

बिहार के बेगूसराय में इन दिनों बड़े पैमाने पर युवा खेती-किसानी की ओर रुख कर रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ युवा आजीविका के तौर पर भी खेती को अपना रहे हैं। युवा किसानों द्वारा कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं ताकि समय के साथ कृषि क्षेत्र में बदलाव लाया जा सके। जहां पहले किसान केवल आजीविका के लिए खेती करते थे, वहीं अब वे इसे व्यावसायिक तौर पर करने लगे हैं।

परिणामस्वरूप, न केवल मुनाफा बढ़ा है, बल्कि वे एक सफल किसान के रूप में उभर रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे ही एक प्रगतिशील युवा किसान विवेक कुमार की कहानी उल्लेखनीय है, जिन्होंने मल्टीलेयर फार्मिंग करके कृषि क्षेत्र में बदलाव लाकर मोटी आमदनी प्राप्त की है।

विवेक कुमार की प्रेरणादायक कहानी

विवेक कुमार ने पारंपरिक खेती के तरीकों से हटकर मल्टीलेयर फार्मिंग अपनाई है। यह तकनीक न केवल भूमि के उपयोग को अधिकतम करती है, बल्कि विभिन्न फसलों की एक साथ खेती करने से उत्पादन में भी वृद्धि होती है। विवेक ने अपने खेत में एक ही समय में कई प्रकार की फसलें उगाई हैं, जिससे उनकी आमदनी में कई गुना इजाफा हुआ है।

नवाचार और सफलता की दिशा में कदम

विवेक कुमार जैसे युवा किसान कृषि में नवाचार ला रहे हैं और इसे एक व्यावसायिक गतिविधि के रूप में देख रहे हैं। उनके प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि सही तकनीक और दृढ़ संकल्प के साथ, कृषि में अपार संभावनाएं हैं। विवेक की सफलता ने अन्य युवाओं को भी प्रेरित किया है कि वे खेती को एक लाभदायक और सम्मानजनक व्यवसाय के रूप में अपनाएं।

इस प्रकार, बेगूसराय के युवा किसान न केवल अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर रहे हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बन रहे हैं।

शासन का मिला साथ तो बदलने लगी तकदीर

बेगूसराय जिले के गढ़पुरा प्रखंड के कुमारसो पंचायत अंतर्गत संजय कुंवर के पुत्र विवेक कुमार ने लोकल 18 को बताया इंटर पास करने के बाद किसान चौपाल से प्रेरित होकर खेती किसानी में कदम रख दिया. शुरुआत में 5 कट्ठा में बैगन की खेती की. इससे होने वाले कमाई को देखते हुए 10 कट्ठा में पहली परवल लगाता था. इस दौरान हमने देखा की धीरे-धीरे हरी सब्जी की खेती में मोती आमदनी प्राप्त हो रही है.

प्राण के बैठक में जाकर ड्रिप इरीगेशन तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए सरकारी योजना का 80%अनुदान प्राप्त कर अपने खेतों में ड्रिप लगाकर मल्टीलेयर फार्मिंग शुरू कर दिया. अभी के समय में एक एकड़ में परवल की खेती करने के साथ उसी खेतों में टमाटर, झिंडा, करेला, साग सहित अन्य मौसम आधारित हरी सब्जी लगाते रहते हैं.

हर महीने 32 से 40 हजार की कमाई: विवेक कुमार की मल्टीलेयर खेती का सफल प्रयोग

बेगूसराय के युवा किसान विवेक कुमार ने मल्टीलेयर खेती के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। विवेक बताते हैं कि मल्टीलेयर खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है। दरअसल, सभी फसलें एक ही जमीन में बोई जाती हैं, जिससे एक फसल को सींचने से दूसरी फसल को भी पानी मिल जाता है। इस प्रकार लगभग 60-70 प्रतिशत कम पानी की आवश्यकता होती है। ड्रिप इरिगेशन का उपयोग करने से सोलर एनर्जी से ही पटवन भी हो जाती है, जिससे उर्वरक का भी कम प्रयोग होता है।

उत्पादन और मुनाफा

विवेक कुमार ने 10 कट्ठा जमीन से 7 दिनों में 8 क्विंटल परवल का उत्पादन किया। एक एकड़ में हर महीने 32 से 40 हजार तक का परवल बाजार में बेचकर कमाई होती है। इस तकनीक में लगने वाला लागत टमाटर और बैंगन की तुलना में अधिक होता है, लेकिन उत्पादन और मुनाफा भी अधिक होता है।

तकनीकी लाभ

1. कम पानी की आवश्यकता: मल्टीलेयर खेती में सभी फसलें एक ही जमीन में बोई जाती हैं, जिससे पानी की बचत होती है।
2. सोलर एनर्जी का उपयोग: ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से सोलर एनर्जी का उपयोग कर पटवन की जाती है।
3. कम उर्वरक का उपयोग: इस तकनीक से खेती में उर्वरक का भी कम प्रयोग होता है।

विवेक कुमार की यह कहानी दर्शाती है कि सही तकनीक और मेहनत से खेती को एक लाभदायक व्यवसाय में बदला जा सकता है। उनके प्रयासों ने अन्य युवाओं को भी प्रेरित किया है कि वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर कृषि को एक सफल और सम्मानजनक व्यवसाय के रूप में अपनाएं।

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