पटना के हनुमान मंदिर के प्राण हनुमान भक्त किशोर कुणाल. प्रभु श्रीराम की कृपा से इन्होंने पटना से कुछ लिया नहीं,सदैव दिया है. कैंसर अस्पताल, बच्चों का अस्पताल, राम रसोई और बहुत कुछ. जब आईपीएस थे, तो कैसे, यह भी सभी को पता है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की कानूनी लड़ाई में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बिहार में दुनिया के सबसे बड़े रामायण मंदिर को भी बनवा रहे. जाति से बहुत दूर. हनुमान मंदिर में दलित पुजारी की नियुक्ति 90 के दशक में ही कराई. किशोर कुणाल के इकलौते बेटे सायन कुणाल ने बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी से प्रेम-विवाह किया. भूमिहार लड़का-दलित लड़की, आशीर्वाद देने को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी आए.
किशोर कुणाल से बीजेपी ने पहले कई बार कहा-नीतीश कुमार भी, आप सांसद बनें. पर, कुणाल ने कहा, मुझे प्रभु श्रीराम और हनुमान की सेवा में ही परम आनंद प्राप्त होता है. अब बेटी जैसी बहुरिया शांभवी चौधरी को समस्तीपुर लोकसभा से चिराग पासवान की पार्टी ने एनडीए का टिकट दे दिया.
प्रचार को आए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा-
शांभवी मेरी बिटिया है, भारतवर्ष में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार, इसे तो आपको जिताना ही है. किशोर कुणाल भी बहुरिया के लिए प्रयासरत हैं. शांभवी के पिता अशोक चौधरी चुनावी प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी हैं. मुकाबला कांग्रेस में अंतिम समय में शामिल हुए मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सनी हजारी से है. चुनाव में मुकाबले की बात हुई, तो एक बड़े पोल स्ट्रैटजिस्ट ने हनुमान भक्त किशोर कुणाल को रामबाण बताया.
कहा, जीत 100 फीसदी नहीं 500 फीसदी होगी. वैसे भी देश में धर्म के नाम पर चुनाव तो हो ही रहे हैं. रामबाण बहुत महंगा भी नहीं है. किशोर कुणाल बस सुनते रहे. उनसे कहा गया कि आपकी पहचान पटना के हनुमान मंदिर से है. और हनुमान मंदिर का प्रसाद नैवेद्यम लड्डू व पवित्र तुलसी के पत्ते हैं. आपको बस कुछ नहीं करना है, बस परमिशन दें.
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उन्होंने पूछा, किस बात का परमिशन. पोल स्ट्रैटजिस्ट ने कहा चुनाव के ठीक 48 घंटे पहले समस्तीपुर के प्रत्येक वोटर के घर में हम 250 ग्राम का नैवेद्यम लड्डू पैकेट और उसमें तुलसी दल भिजवा देते हैं. फिर, जो प्रसाद और तुलसी ग्रहण कर लेंगे, वह वोट शांभवी चौधरी को ही देंगे.
लेकिन, आपको जानकर आश्चर्य होगा, किशोर कुणाल ने यह परमिशन नहीं दिया. वे बोले चुनावी जीत के लिए मैं अपने हनुमान जी के साथ छल नहीं कर सकता. मेरे साथ सदैव प्रभु श्रीराम और हनुमान हैं, वे बिना किसी छल के मेरी बहुरिया शांभवी को समस्तीपुर में आशीर्वाद देंगे और वह जीत हासिल कर लेगी.