Mohan Yadav government: मोहन यादव सरकार ने हाल ही में फैसला लिया है कि अब सीबीआई को मध्यप्रदेश में भी जांच-पड़ताल से पहले मध्यप्रदेश सरकार से लिखित परमिशन लेनी होगी. ऐसा अब तक उन राज्यों में हो रहा था, जहां बीजेपी के विरोधी दलों की सरकारें हैं.
न्यूज़ हाइलाइट्स
- अब सीबीआई को मध्यप्रदेश में भी जांच-पड़ताल से पहले मध्यप्रदेश सरकार से लिखित परमिशन लेनी होगी
- पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब, केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों में पहले से ही यह नियम है
- बीजेपी शासित एमपी में चौंकाने वाला निर्णय लिया है मोहन यादव सरकार ने
Mohan Yadav government: मोहन यादव सरकार ने हाल ही में फैसला लिया है कि अब सीबीआई को मध्यप्रदेश में भी जांच-पड़ताल से पहले मध्यप्रदेश सरकार से लिखित परमिशन लेनी होगी. ऐसा अब तक उन राज्यों में हो रहा था, जहां बीजेपी के विरोधी दलों की सरकारें हैं. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब, केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों में पहले से ही नियम है कि यहां सीबीआई को जांच से पहले संबंधित सरकारों से अनुमति लेना जरूरी है.
मध्यप्रदेश में अब CBI समेत तमाम केंद्रीय जांच एजेंसियों को जांच करने से पहले राज्य सरकार से लिखित अनुमति लेनी होगी. जिसके बाद ही जांच एजेसियां जांच कर पाएंगी. मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है. 1 जुलाई से ही यह नई व्यवस्था प्रभावशील मानी जाएगी. दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 की शक्तियों का राज्य सरकार ने उपयोग करते हुए ये फैसला किया है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने घोषणा की है कि यह नया नियम 1 जुलाई से लागू होगा। इस फैसले का उद्देश्य राज्य की संप्रभुता और अधिकारों की रक्षा करना और सुनिश्चित करना है कि कोई भी जांच राज्य सरकार की जानकारी और सहमति से ही हो।
इस कदम से राज्य सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट होती है कि वे किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को नियंत्रित करना चाहते हैं और राज्य की जांच एजेंसियों और कानूनी प्रक्रियाओं पर उनका भरोसा है। यह फैसला राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और इससे सीबीआई की कार्यवाही पर एक नया दृष्टिकोण सामने आएगा।
इन राज्यों में सीबीआई जांच को लेकर विपक्षी दल करते हैं विरोध
पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब और तमिलनाडु पहले ही सीबीआई जांच की अनुमति को लेकर केंद्र सरकार का विरोध करते रहे हैं. पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार का मामला तो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था. अब मध्यप्रदेश में तो बीजेपी का ही शासन है. मोहन यादव बीजेपी आलाकमान की पसंद हैं. लेकिन इसके बाद भी मध्यप्रदेश में सीबीआई के लिए जांच से पहले परमिशन की अनिवार्यता कर दी गई है. अब ऐसा क्यों किया गया, यह तो सरकार ही जाने.