जब लोकसभा चुनाव समाप्त होते हैं, तो सियासी गतिविधियाँ साधारण रूप से ठंडी पड़ जाती हैं। लेकिन, इस बार भी अद्यतित रही हैं। राहुल गांधी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, जिसमें कांग्रेस ने अन्य दलों को इंडी गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। इससे साफ होता है कि राजनीतिक दायरे अभी भी खुले हैं और संघर्ष नहीं समाप्त हुआ है।
राजनीतिक समीक्षा: लोकसभा चुनाव के बाद भी संघर्ष जारी, बार-बार इंडी गठबंधन का आह्वान
लोकसभा चुनाव के समापन के बाद भी भारतीय राजनीति में गतिविधि बनी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा बहुमत के आंकड़ों तक पहुंच नहीं पा रही है, जबकि एनडीए गठबंधन के दल और भाजपा दावा कर रहे हैं कि उन्हें सरकार बनाने का मौका मिलेगा। वहीं कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दल अभी भी बहुमत से दूर हैं। इस संदर्भ में, राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अन्य पार्टियों को इंडी गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जबकि नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी शुरू की है।
राहुल गांधी ने जेपीसी जांच की मांग की, स्टॉक मार्केट के हलचल पर उठाए सवाल
लोकसभा चुनाव के बाद, स्टॉक मार्केट में 31 मई को हुई जबरदस्त हलचल पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सरकार से जेपीसी जांच करने की मांग की। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री द्वारा दी गई सलाह के बाद शेयर खरीद लेने की सिफारिश का उल्लंघन हो सकता है। पीएम मोदी की उपरांत इस मुद्दे पर भी राहुल गांधी ने सवाल उठाए। उन्होंने उनके वादों का तंगा उड़ाते हुए कहा कि शेयर मार्केट के लिए 4 जून को सब कुछ बदल गया, और इसने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया।
राहुल गांधी ने बताया क्रोनोलॉजी: पीएम मोदी, अमित शाह और अरुण जेटली के बयानों का खेल
लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने नोट किया कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, और वित्तमंत्री ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान स्टॉक मार्केट को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने इन टिप्पणियों को एक क्रोनोलॉजी के रूप में दिखाया, जो दिखाता है कि उन्होंने कैसे स्टॉक मार्केट के बदलते ट्रेंड्स को अपने फायदे के लिए उपयोग किया। उन्होंने उन्हें उनके आगे प्रस्तुत किए गए बयानों के माध्यम से इस तरह की नीति का पर्दाफाश किया।