Google Gemini बड़ी ही तेजी से ChatGPT का पीछा कर रहा है। शुरुआत के दिनों में Google Gemini द्वारा कई सवालों के गलत जवाब दिए गए। इसके कारण चिंता की स्थिति बन गई थी और विश्वसनीयता को खतरा पैदा हो गया था। इस स्थिति को संभालने के लिए सबसे पहले “मैं विकास के अधीन हूं और लगातार सीख रहा हूं” जैसे वाक्य को प्रदर्शित किया गया परंतु जब इससे भी बात नहीं बनी तो Double-check फीचर रोल आउट कर दिया गया है। इस फीचर की मदद से आप जांच पाएंगे कि, Gemini ने आपको जो बताया है वह जानकारी इंटरनेट पर किसी वेबसाइट पर उपलब्ध है या फिर नहीं।
Google Gemini बेगुनाह ही साबित करने के लिए सोर्स बताएगा
Google Gemini के लिए ChatGPT से टक्कर लेना काफी मुश्किल है क्योंकि ChatGPT को लोगों ने एक नए स्टार्टअप और प्रयोग की तरह स्वीकार किया, जबकि उन्हीं लोगों की नजर में Google दुनिया का सबसे बड़ा विशेषज्ञ है। जो लोग ChatGPT की गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं, वही लोग Google Gemini द्वारा गलती करने पर नाराज हो जाते हैं क्योंकि ज्यादातर लोग Google से गलत जानकारी की उम्मीद नहीं करते। सर्च इंजन के बारे में जानकारी रखने वाले लोग जानते हैं कि Google के पास अपनी कोई जानकारी नहीं है, बल्कि वह करोड़ों वेबसाइट में उपलब्ध जानकारी को मात्र प्रदर्शित करता है। इसके बावजूद, दुनिया भर में एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे नागरिकों की है जो मानते हैं कि उन्हें Google द्वारा सही जानकारी दी गई है। उन्हें याद भी नहीं रहता कि Google के माध्यम से वे कौन सी वेबसाइट तक पहुंचे थे।
Google Gemini Double-check response
Google Gemini में अब एक Google टॉगल जोड़ दिया गया है। यह आपके लिए जनरेट की गई सामग्री के ठीक नीचे दिखाई देता है। इसका लेवल Double-check response है। यह वेबसाइट और मोबाइल, दोनों में उपलब्ध है। इसका उपयोग करते ही Google Gemini द्वारा प्रदर्शित की गई जानकारी की इंटरनल जांच शुरू हो जाती है। पता लगाया जाता है कि, Google Search में शामिल कौन सी वेबसाइट से जानकारी संग्रहित की गई है।
Google Gemini Double-check ऑरेंज कलर का क्या अर्थ है
ऐसी जानकारी जो गूगल सर्च से क्रॉस वेरीफाई हो जाती है उसे हरे रंग में हाईलाइट कर दिया जाता है और उसके साथ संबंधित वेबसाइट की लिंक अटैच कर दी जाती है। ऐसी जानकारी जो गूगल सर्च से क्रॉस वेरीफाई नहीं होती है उसे ऑरेंज कलर में हाईलाइट कर दिया जाता है। ताकि सबको समझ में आ जाए कि इस जानकारी को किसी दूसरे सोर्स से कंफर्म करने की जरूरत है।