शिवराज के सांसद बनने के बाद बुधनी से चुनाव लड़ेंगे कार्तिकेय सिंह चौहान? क्यों हो गई सुगबुगाहट तेज

Budhni Vidhansabha Seat: मध्य प्रदेश के पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान जो प्रदेश भर में मामा और भैया के नाम से जाने जाते हैं. इस लोकसभा चुनाव मे वे विदिशा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. विदिशा लोकसभा सीट को BJP का गढ़ माना जाता है. यही कारण है कि इस सीट पर शिवराज सिंह चौहान की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि बुधनी से विधायक शिवराज सिंह चौहान की सीट जब खाली होगी तो ऐसे में उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान को टिकट मिलेगा? ये सवाल क्यों उठ रहा है. आइए जानते हैं.

मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी. जिसके पीछे शिवराज सिंह चौहान और उनकी महत्वकांक्षी लाड़ली बहना योजना को बहुत बड़ी वजह बताया गया. इस विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. इस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान करीब एक लाख वोटों की बंपर लीड से चुनाव जीते थे. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें केंद्र ले जाने का मन बनाया और विदिशा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया.

विदिशा से शिवराज की जीत तय?

4 जून को देश भर में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. ऐसा माना जा रहा है कि विदिशा लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ है और वहां से इस बार शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में हैं. तो उनकी जीत तय मानी जा रही है. इसके पहले भी शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से 5 बार सांसद रह चुके हैं.

बुधनी से कौन होगा उपचुनाव में उम्मीदवार?

विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह चौहान की जीत के बाद, यदि वे विधायक पद से इस्तीफा देते हैं, तो बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। इस सीट के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिशीलता तेज हो गई है। इस सीट पर शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय चौहान का नाम तेजी से चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी बुधनी विधानसभा सीट से कार्तिकेय सिंह चौहान को उपचुनावी मैदान में उतार सकती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश में कई बड़े नेताओं के बेटे राजनीति में सक्रिय रहते हैं, और इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान भी शामिल हैं। उन्हें बुधनी उपचुनाव के माध्यम से राजनीतिक मंच पर एंट्री करने की आसानी हो सकती है, क्योंकि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और लगातार कार्यकर्ताओं से मिलते रहते हैं। इससे उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अधिक समर्थन प्राप्त हो सकता है।

क्या बीजेपी बनाएगी नेता पुत्रों को अपना प्रत्याशी?

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद, बीजेपी की उपचुनाव के लिए रणनीति कैसे बनाएगी, यह देखने लायक होगा। बीजेपी में परिवारवाद पर सवाल उठाया जाता है, और यहां तक ​​कि नेता पुत्रों को टिकट मिलता है या नहीं, यह भी देखने के लिए है। अगर बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होता है, तो कार्तिकेय सिंह चौहान को बहुत ही मजबूत दावेदार माना जाता है।

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