प्रीति सूदन बनीं UPSC की नई चेयरपर्सन: ‘आयुष्मान भारत’ योजना में अहम योगदान, मनोज सोनी की जगह ली

 DESK : यूपीएससी ने नए चेयरमैन की नियुक्ति की है, और इस बार 1983 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन को इस पद पर नियुक्त किया गया है। वे जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। उनके पास प्रशासनिक कार्यों का लगभग 37 वर्षों का अनुभव है। अपने करियर में, उन्होंने विभिन्न विभागों और योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

दरअसल, यूपीएससी चेयरमैन का पद मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद से रिक्त हो गया था। अब यूपीएससी ने इस पद के लिए नए चेयरमैन की नियुक्ति कर दी है। नवनियुक्त चेयरमैन प्रीति सूदन, आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। वह चार साल पहले ही सेवानिवृत्त हुई हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने केंद्र सरकार के कई विभागों में कार्यरत रहते हुए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रीति सूदन ने देश में दो प्रमुख कार्यक्रम – ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘आयुष्मान भारत’ शुरू करने के अलावा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध संबंधी कानून बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है।

मालूम हो कि 2022 में पूर्व आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन ने यूपीएससी के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। उन्हें यह शपथ तत्कालीन यूपीएससी अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने दिलाई थी। डॉ. सोनी ने 28 जून 2017 से 15 मई 2023 तक संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया। यूपीएससी अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति एक संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316 के तहत यूपीएससी सदस्यों के कार्यकाल की अवधि निर्धारित की गई है। यूपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

आपको बताते चलें कि यूपीएससी अध्यक्ष का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो। यूपीएससी अध्यक्ष को वेतन स्तर 17 के अनुसार 2.5 लाख रुपये प्रति माह वेतन और विभिन्न भत्ते मिलते हैं। यूपीएससी अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति के लिए व्यक्ति का यूपीएससी का सदस्य होना आवश्यक है। यूपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया में राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति पत्र जारी किया जाता है।

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