पटना- बिहार में पिछले 30 बरस से लालू-नीतीश का राज है। बिहार में और सबसे ज्यादा विश्वास तोड़ने का काम भी उन्होंने ही किया है। 30 बरस से न गरीबी कम हुई न ही बिहार के लोगों ने खुद को पलायन करने से रोक पाया है। शिक्षा की व्यवस्था सुधरी नहीं रोजगार मिला नहीं तो आप किस विश्वास की बात कर रहे हैं?
भीड़ पैसे के नाम पर जात के नाम पर काडर कुछ लोग को इकट्ठा कर लेंगे। तेजस्वी को इस बार यह समझ लेना चाहिए कि काट की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती इसबार जनता उनसे नहीं बरगलने वाली है। बिहार के जिन लोगों ने लालू यादव और उनके बच्चों की सरकार को देखा है वो मानते हैं कि ये लोग जात-पात, हिन्दू-मुसलिम, भ्रस्टाचार, गुंडागर्दी से ऊपर उठ कर राजनीति नहीं कर सकते हैं।
ये 4 बिंदु RJD के कैरेक्टर में है और इनसे ऊपर उठकर ये नहीं आ सकते। लालू राज की गुंडागर्दी आज भी लोगों को याद है.