कभी कोसी के इलाके में नॉर्थ लाइब्रेशन आर्मी चलाने वाले शंकर सिंह ने बिहार के सभी सियासी दिग्गजों को मात देते हुए रूपौली विधानसभा का उपचुनाव जीत लिया है. रूपौली में राजद और जदयू दोनों ने गंगौता जाति के उम्मीदवार यानी अति पिछड़ा को टिकट दिया था. हालांकि सभी जातीय समीकरण को ध्वस्त करते हुए निर्दलीय शंकर ने जीत दर्ज की है.
बिहार में रूपौली सीट पर उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। एनडीए और इंडिया दोनों धड़ों को पछाड़कर निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जीत हासिल की है। यह सीट जदयू विधायक बीमा भारती के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। बीमा भारती ने राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गईं। चुनाव हारने के बाद राजद ने उन्हें फिर से इसी सीट से उम्मीदवार बनाया था। इस बार, राजद उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं, जबकि जदयू के कलाधर मंडल दूसरे स्थान पर रहे।
कभी कोसी के इलाके में नॉर्थ लाइब्रेशन आर्मी चलाने वाले शंकर सिंह ने बिहार के सभी सियासी दिग्गजों को मात देते हुए रूपौली विधानसभा का उपचुनाव जीत लिया है. रूपौली में राजद और जदयू दोनों ने गंगौता जाति के उम्मीदवार यानी अति पिछड़ा को टिकट दिया था. हालांकि सभी जातीय समीकरण को ध्वस्त करते हुए निर्दलीय शंकर ने जीत दर्ज की है.
बीमा भारती के इस्तीफे के बाद हुए चुनाव
रूपौली उपचुनाव को बिहार में सत्ता का क्वार्टर फाइनल माना जा रहा है, क्योंकि अगले साल वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। रूपौली सीट, जदयू की विधायक रहीं बीमा भारती के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। बीमा भारती 2000 में रूपौली से निर्दलीय विधायक बनी थीं और 2005 से लगातार जदयू की टिकट पर विधायक थीं। इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जदयू से इस्तीफा देकर राजद का दामन थामा था। राजद ने उन्हें पूर्णिया से अपना उम्मीदवार बनाया था।
बीमा भारती लोकसभा चुनाव हार गईं. लेकिन बीमा के विधायक पद से इस्तीफे से खाली हुई रूपौली सीट पर हुए उपचुनाव में राजद ने बीमा को अपना उम्मीदवार बनाया. बीमा भारती और निर्दलीय पप्पू यादव में पूर्णिया सीट को लेकर खूब खींचतान और लड़ाई हुई. पप्पू यादव को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा, जबकि पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद अब पप्पू यादव ,रूपौली उपचुनाव में बीमा भारती के समर्थन में बयान देते हुए जरूर नजर आएॉ
न INDIA न NDA
रूपौली में नीतीश कुमार, विजय सिन्हा, सम्राट चौधरी, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे प्रमुख नेताओं ने जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया, वहीं इंडिया गठबंधन से तेजस्वी यादव और कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इसके बावजूद एनडीए और इंडिया दोनों के लिए यह हार एक बड़ा सबक है।
हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान ऐसी चर्चा भी थी कि चुनाव जीतने के बाद शंकर सिंह एनडीए खेमे में ही रहेंगे। शंकर सिंह लंबे समय तक लोजपा से जुड़े रहे हैं, इसलिए यह संभावना बनी हुई है।
चुनाव का सेमीफाइनल
बिहार में अगले साल विधानसभा के फाइनल चुनाव होने हैं. इसके पहले बिहार में सत्ता का सेमीफाइनल होना भी बाकी है. लोकसभा चुनाव में बिहार के चार विधायक ( जीतनराम मांझी,राजद के सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव, भाकपा माले के सुदामा सिंह) सांसद बने हैं. इन तीनों सीटों पर भी उपचुनाव होंगे. जिसे चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है.