पटना: बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ की नेपाल यात्रा और साहित्यिक आमंत्रण
शुक्रवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री और मधेश जनाधिकार मंच के अध्यक्ष उपेंद्र यादव के साथ नेपाल के उपराष्ट्रपति राम सहाय यादव से भेंट की। इस अवसर पर डॉ सुलभ ने उपराष्ट्रपति को अक्टूबर माह में प्रस्तावित साहित्य सम्मेलन के शताब्दी समारोह के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उपराष्ट्रपति को अपनी चार प्रमुख पुस्तकों ‘हिन्दी के प्रणम्य पुरुष’, ‘प्रथम पग’, ‘प्रियंवदा’ तथा ‘मै मरुथल सा चिर प्यासा’ की प्रतियाँ भी भेंट की।
काठमांडू में उपराष्ट्रपति निवास में लगभग बीस मिनट की इस मुलाक़ात में डॉ सुलभ ने बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के गौरवशाली 105 वर्षों के योगदान से उपराष्ट्रपति को अवगत कराया और नेपाल में हिन्दी के उन्नयन के संदर्भ में भी चर्चा की। इस महत्वपूर्ण भेंट के दौरान नेपाल हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और वरिष्ठ कवि डॉ राम दयाल राकेश और पटना से आए समाज-सेवी और संस्कृति-कर्मी शिवम झा भी उपस्थित थे।
डॉ सुलभ ने बताया कि यह भेंट भारत और नेपाल के मध्य सांस्कृतिक और साहित्यिक संबंधों के विकास की दिशा में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ संपन्न हुई। उन्होंने विश्वास जताया कि इस सम्मेलन से दोनों देशों के बीच साहित्यिक और सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।
इस मुलाकात ने दोनों देशों के साहित्य प्रेमियों के बीच उत्साह का संचार किया है और आगामी शताब्दी समारोह को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की यह पहल दोनों देशों के साहित्यिक जगत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।