पुदीना की खेती: गर्मी के दिनों में पुदीने का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. और साथ औषधीय गुणों से भरपूर पुदीना आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण है. पुदीने का उपयोग खाना पकाने, चाय बनाने और औषधीय रूप में किया जाता है. अगर इस महत्वपूर्ण पौधे की अगर आप खेती करना चाहते है. तो आपको इसकी बारे में पूरी जानकारी बताते है. और इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी बताते है.
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पुदीने की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
पुदीना की समशीतोष्ण जलवायु, गर्म और उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से उगाया जा सकता है। इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जा सकती है।
पुदीने की बुआई
पुदीने की बुवाई का सबसे उत्तम समय फरवरी-मार्च और सितंबर-अक्टूबर के महीने माना जाता है। पुदीने के बीजों को 1 सेमी गहराई में और 10 सेमी की दूरी पर बोएं, और जब जड़ें 2-3 सेमी लंबी हो जाएं, तो उन्हें खेत में लगा दें।
नियंत्रण और सिंचाई
पुदीने को अच्छी वृद्धि के लिए नियमित रूप से खाद और पानी की आवश्यकता होती है। इसकी अच्छी वृद्धि के लिए वर्मी कंपोस्ट और बेहतर गोबर खाद डालना चाहिए। और रोगों और कीटों को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय करने चाहिए।
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पुदीने की कटाई
पुदीने की पत्तियों को कटाई के लिए तैयार होने में लगभग 60-70 दिन लगते हैं। पत्तियों को तब काटा जाना चाहिए जब वे सुगंधित हों और उनका रंग गहरा हरा हो तब कटाई कर लेना चाहिए।